सारी रात हमारी है-1
प्रेषक : समीर शुक्ला
मैं आपको हमारे खानदान की सबसे अन्दर की बात बताने जा रहा हूँ मेरे हिसाब से मैंने कुछ बुरा किया नहीं है हालांकि कई लोग मुझे पापी समझेंगे। कहानी पढ़ कर आप ही फ़ैसला कीजिएगा कि जो हुआ वो सही हुआ है या नहीं?
कहानी कई साल पहले की है जब मैं अठारह साल का था और मेरे बड़े भैया काशी राम चौथी शादी करने की सोच रहे थे।
हम सब राजकोट से पचास किलोमीटर दूर एक छोटे से गाँव में ज़मीदार हैं एक सौ बीघा की खेती है और लंबा चौड़ा व्यवहार है हमारा। गाँव में चार घर और कई दुकानें है। मेरे माता-पिताजी जब मैं दस साल का था तब मर गए थे। मेरे बड़े भैया काशी राम और भाभी सविता ने मुझे पाल-पोस कर बड़ा किया।
भैया मुझसे तेरह साल बड़े हैं, उनकी पहली शादी के वक़्त में आठ साल का था। शादी के पाँच साल बाद भी सविता भाभी को संतान नहीं हुई। कितने ही डॉक्टरों को दिखाया लेकिन सब बेकार गया। भैया ने दूसरी शादी की चम्पा भाभी के साथ ! तब मेरी आयु तेरह साल की थी।
लेकिन चम्पा भाभी को भी संतान नहीं हुई। सविता और चम्पा की हालत बिगड़ गई, भैया उनके साथ नौकरानियों जैसा व्यवहार करने लगे। मुझे लगता है कि भैया ने दोनों भाभियों को चोदना चालू रखा था संतान की आस में।
दूसरी शादी के तीन साल बाद भैया ने तीसरी शादी की सुमन भाभी के साथ। उस वक़्त मैं सोलह साल का हो गया था और मेरे बदन में फ़र्क पड़ना शुरू हो गया था। सबसे पहले मेरे वृषण बड़े हो गये बाद में कांख में और लौड़े पर बाल उगे और आवाज़ गहरी हो गई। मुँह पर मूछें निकल आई, लौड़ा लंबा और मोटा हो गया, रात को स्वप्न-दोष होने लगा, मैं मुठ मारना सीख गया।
प्रेषक : समीर शुक्ला
मैं आपको हमारे खानदान की सबसे अन्दर की बात बताने जा रहा हूँ मेरे हिसाब से मैंने कुछ बुरा किया नहीं है हालांकि कई लोग मुझे पापी समझेंगे। कहानी पढ़ कर आप ही फ़ैसला कीजिएगा कि जो हुआ वो सही हुआ है या नहीं?
कहानी कई साल पहले की है जब मैं अठारह साल का था और मेरे बड़े भैया काशी राम चौथी शादी करने की सोच रहे थे।
हम सब राजकोट से पचास किलोमीटर दूर एक छोटे से गाँव में ज़मीदार हैं एक सौ बीघा की खेती है और लंबा चौड़ा व्यवहार है हमारा। गाँव में चार घर और कई दुकानें है। मेरे माता-पिताजी जब मैं दस साल का था तब मर गए थे। मेरे बड़े भैया काशी राम और भाभी सविता ने मुझे पाल-पोस कर बड़ा किया।
भैया मुझसे तेरह साल बड़े हैं, उनकी पहली शादी के वक़्त में आठ साल का था। शादी के पाँच साल बाद भी सविता भाभी को संतान नहीं हुई। कितने ही डॉक्टरों को दिखाया लेकिन सब बेकार गया। भैया ने दूसरी शादी की चम्पा भाभी के साथ ! तब मेरी आयु तेरह साल की थी।
लेकिन चम्पा भाभी को भी संतान नहीं हुई। सविता और चम्पा की हालत बिगड़ गई, भैया उनके साथ नौकरानियों जैसा व्यवहार करने लगे। मुझे लगता है कि भैया ने दोनों भाभियों को चोदना चालू रखा था संतान की आस में।
दूसरी शादी के तीन साल बाद भैया ने तीसरी शादी की सुमन भाभी के साथ। उस वक़्त मैं सोलह साल का हो गया था और मेरे बदन में फ़र्क पड़ना शुरू हो गया था। सबसे पहले मेरे वृषण बड़े हो गये बाद में कांख में और लौड़े पर बाल उगे और आवाज़ गहरी हो गई। मुँह पर मूछें निकल आई, लौड़ा लंबा और मोटा हो गया, रात को स्वप्न-दोष होने लगा, मैं मुठ मारना सीख गया।